प्यार और सम्मान
हालाँकि मैं बहुत परिपक्व नहीं हूँ लेकिन मेरी समझ कहती है कि एक स्त्री के लिए प्रेम से बढ़कर भी कुछ हो सकता है, तो वो है सम्मान या रेस्पेक्ट..
प्रेम क्षणिक हो सकता है लेकिन सम्मान क्षणिक नहीं होती, क्यूँकि प्रेम दिखावटी हो सकता है लेकिन सम्मान नहीं..और एक बहुत दिलचस्प बात ये है कि ईश्वर ने स्त्री को इस शक्ति से नवाज़ा है कि वो किसी भी पुरुष की आँखों में देखकर उपजे मन के भावों को पढ़ सकती है..
सम्मान का भाव ही पुरुष को स्त्री के मन में स्थापित करता है, क्यूँकि प्रेम करना तो बहुत सरल है; दुश्कर है तो सम्मान का भाव लाना..स्त्रियों के प्रति सम्मान या रेस्पेक्ट होना, एक आदत है, इसे आप बना नहीं सकते..आप या तो सभी स्त्रियों का सम्मान करेंगे, या फ़िर शायद किसी का भी नहीं..दिखावा करने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन एक स्त्री से दिखावा करना संभव नहीं..
मन से उठने वाली तरंगें ही दरअसल मन तक पहुँचती हैं, और इन तरंगों को ग्रहण करने वाला रिसीवर स्त्रियों में कुछ ज़्यादा विकसित होता है, इसीलिए वे आपका मन पढ़ सकती हैं और इसमें कोई दो-राय नहीं है कि कुछ मुट्ठी भर पुरुष ही सही मायनों में स्त्री के सम्मान को समझते हैं, और एक स्त्री भांप सकती है ऐसे पुरुषों को...और शायद यही कारण है कि कुछ साधारण से पुरुष भी स्त्रियों की तवज्जो हासिल कर लेते हैं, वो जो सही अर्थ में सम्मान का अर्थ समझते हैं....
जहां प्रेम है वहां सम्मान और गरिमा एक हद के बाद काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि उस इंसान के साथ (स्त्री/पुरूष) हमारा संबंध किस स्तर तक पहुंचा है ।
जो स्त्री और पुरूष पति पत्नी के रुप में एक दूसरे से शारीरिक तौर पर जुड़ चुके हैं...ऐसा नही की उन्हें एक दूसरे के लिए अपनी आंखों में सम्मान की आवश्यकता नही होती..उन्हें भी सम्मान की जरूरत होती है,एक पत्नी कभी नही चाहेगी की एक पुरूष जो कि उसका पति है,उसे सिर्फ वो वासना की दृष्टि से देखे ।
इसके सारे शब्द मैंने नही लिखा ,ये तो बस एक व्हाट्सएप ग्रुप में आए हुए मैसेज का निचोड़ है,जो मैंने आप सबके सामने रखा है ।
आँचल सोनी 'हिया'
12-Oct-2022 09:03 PM
आपकी सोच बिल्कुल सही है, आदरणीय! नारी को प्रेम से पूर्व सम्मान चाहिए। और वह भी पर्याप्त सम्मान दृष्टि समेत।🙂💐🙏
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Palak chopra
12-Oct-2022 12:18 PM
Bahut achha 💐🌺
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Zakirhusain Abbas Chougule
04-Feb-2022 10:52 PM
Nice
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